Videóátírás
परसू तो चले ही जाएंगे, अगर उससे मिलकर पात करना चाहो तो कर लो।
ये सुनकर दिल तो आया कि दो थपपड धर दूं, पर सब वही थे इसलिए कुछ नहीं बोली।
उसी शाम को मैं तहल रही थी तबी मैंने नीचे जाका तो अंकित वहाँ था।
पता नहीं मेरे दिमाग में क्या आया, मैंने उसे आवाज दे दी, ओ भाई तुझे परिशानी क्या है, वो चुप चाप रहा और वहां से हटा नहीं।
मैंने कुछ देर बाद फिर उससे पूछा, आपसे बात करनी है।